Thursday, April 15, 2010

हिन्दी के लेखक बनाम अंग्रेजी के लेखक


देखा, आज अंग्रेजी लेखक जैफ्री आर्चर का जन्म दिन है, तो मुझे याद आयी उनसे मुलाकात. 2008 में अपनी नयी किताब “ए प्रिजनर ऑफ बर्थ” के प्रसार के लिये टुअर पर. मैंने उनसे पूछा, आप बच्चों के लिये क्यों नहीं लिखते. उन्होंने प्यारा सा जबाब दिया, मेरे लिये तो सब बच्चे हैं.उन्हें जन्मदिन की शुभकामनायें.
लेकिन, इस प्रकार के बुक प्रमोशन टुअर हिन्दी लेखकों के क्यों नहीं होते?

3 comments:

  1. यही तो अफसोस् है हम हिन्दी लेखकों की अहमियत नही समझ्ते. हिन्दी मे भी जैफ्री आर्चर जैसे लेखकों की भरमार है

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  2. हिन्दी लेखन में व्यवसायिकता नहीं आयी अभी.

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  3. सोच कर बताता हूँ। आप के पापा ने जब बताया था तभी से सोचे जा रहा हूँ। स्थिति शोचनीय हो चली है लेकिन कोई पॉजिटिव जवाब नहीं मिल रहा। जो मिल रहा है, वह कह दूँ तो उपर वाले दोनों सज्जन मेरे पीछे लठ्ठ लेकर पड़ जाएंगें।
    :)

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